बिजनेसमैन की आमदनी का राज: कितना होता है उनका मासिक वेतन?



बिजनेसमैन की सैलरी बहुत-सी बातों पर डिपेंड करती है, यह डिसाइड करना बहुत मुश्किल है कि बिजनेसमैन की सैलरी क्या हो सकती है। क्योंकि, बिजनेसमैन की कोई परमानेंट सैलरी नहीं होती ना ही फिक्स होती है। उसकी इनकम उसके बिजनेस की success, Profit और market की condition पर depend करती है। इसीलिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि बिजनेसमैन की सैलरी कितनी होती है।

बहुत से बिजनेसमैन शुरुआत कर रहे हैं तो फिलहाल उन्हें सिर्फ बिजनेस में पैसा लगाना होता है और शुरुआत में उन्हें किसी प्रकार की कमाई नहीं होती है। बहुत से बिजनेसमैन ऐसे होते हैं जो महीने का लाखों कमाते हैं और बहुत ऐसे होते हैं कि करोड़ों की कमाई कर रहे होते हैं। आगे इस आर्टिकल में हम जानेगे कि बिजनेसमैन की सैलरी किन बातों पर निर्भर करती है, उसकी कमाई के पीछे कौन-सी वजह होती है।

बिजनेसमैन की सैलरी कितनी होती है?

बिजनेसमैन की सैलरी कितनी होती है

बिजनेसमैन की सैलरी बाकी के कर्मचारियों की सैलरी जैसी नहीं होती है, बिजनेसमैन की सैलरी कुछ जरूरी कारकों पर निर्भर करती है, जो कुछ इस प्रकार है।

No 1: बिजनेसमैन की सैलरी बिजनेस के विस्तार पर निर्भर करती हैं।

एक बिजनेसमैन को अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए यानी की आमदनी बढ़ाने के लिए अपने बिजनेस को खूब फैलाना जरूरी है, ताकि उसका व्यापार बढ़े और उसकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हो।  यानी कि अगर आपका बिजनेस का विस्तार ज्यादा होगा तो उस हिसाब से आपका प्रॉफिट होगा और आपकी सैलरी खुद-ब-खुद बढ़ जाएगी।

No 2: बिजनेसमैन की सैलरी बिजनेस के फ्यूचर पर निर्भर करती हैं।

बिजनेसमैन की सैलरी उसके बिजनेस के फ्यूचर पर पूरी तरह से डिपेंड करती है। क्योंकि, बिजनेसमैन को अपने बिजनेस के लिए ऐसे फैसले लेने जरूरी होते हैं, जो कि भविष्य में उसके बिजनेस को आगे बढ़ाए और उसकी सैलरी में भी increment हो सके। 

No 3: बिजनेसमैन की सैलरी बिजनेसमैन के व्यवहार पर निर्भर करती हैं।

जो बिजनेसमैन लोगों के साथ ज्यादा घुलने मिलने वाले होते है और जिनका व्यवहार बढ़िया होता है, ऐसे बिजनेसमैन को आगे तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता। क्योंकि, व्यवहार बहुत मायने रखता है। किसी भी बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आपको लोगों के बीच में अपनी छवि को अच्छा बनाने की जरूरत होती है।

ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आपके साथ बिजनेस में deal करे। अगर आप मार्केट में अपनी इमेज खराब रखते हैं, तो ऐसे में लोग आपके साथ बिजनेस करना पसंद नहीं करेंगे और आपकी आमदनी पर भी इस चीज का फर्क पड़ेगा। 

No 4: बिजनेसमैन की सैलरी बिजनेसमैन के टीम वर्क पर निर्भर करती हैं।

किसी भी बिजनेसमैन की आमदनी उसके साथ जुड़ी और काम कर रही टीम पर भी निर्भर करती है। अगर टीम में अच्छे लोग हैं जो की ईमानदारी और कड़ी मेहनत से काम करते हैं, तो बिजनेसमैन की सैलरी में बढ़ोतरी होगी ही होगी। लेकिन, अगर टीम अच्छी नहीं है और काम कुशलता से नहीं हो रहा, तो फिर इसका फर्क बिजनेसमैन की सैलरी पर सीधा- सीधा पड़ता है। 

No 5: बिजनेसमैन की सैलरी बिजनेसमैन की दूर तक की सोच पर निर्भर करती हैं।

किसी भी बिजनेसमैन की दूर तक की सोच बहुत काम आती है, यह जानने के लिए कि उसका बिज़नेस आगे आने वाले खतरों से बच सके। यानी की मार्केट की आने वाली स्थिति कैसी होगी, उस हिसाब से बिजनेस को बदलना और जरूरी चीजों को बिजनेस में लेकर आना, यह सब बिजनेसमैन की दूर तक की सोच पर डिपेंड करता है।

यह सोच उसकी सैलरी पर सीधा-सीधा असर डालती है, क्योंकि आने वाली मुश्किलों से खुद को पहले ही संभालने से वह बहुत बड़े नुकसान से खुद को और अपने बिजनेस को बचा लेता है। 

No 6: बिजनेसमैन की सैलरी बिजनेस के Profit पर निर्भर करती हैं।

बिजनेस का प्रॉफिट किसी भी बिजनेसमैन की सैलरी को परिभाषित करता है, मतलब अच्छा प्रॉफिट यानी की अच्छी सैलरी और बिजनेस में नुकसान होने पर सैलरी के बजाय उल्टा नुकसान की भरपाई करने की नौबत आ जाती है। तो बिजनेसमैन की सैलरी उसके बिजनेस में होने वाले फायदे और नुकसान पर पूरी तरह से डिपेंड करती है। 

बिजनेस के प्रकार और बिजनेसमैन की सैलरी

बिजनेसमैन की सैलरी उसके बिजनेस के nautre और उसके व्यापार पर डिपेंड करती है। जैसे: 

No 1: बिजनेस स्टार्टअप 

जब भी कोई बिजनेस शुरू होता है, तो बिजनेसमैन की सैलरी या आमदनी कम होती है, क्योंकि शुरुआत में बिजनेस की ग्रोथ पर फोकस किया जाता है, इसीलिए ज्यादा पैसा बिजनेस में लगाया जाता है। लेकिन, प्रॉफिट कम होता है इसीलिए सैलरी कम बनती है और यह सैलरी ₹10000 प्रति महीना से लेकर ₹100000 प्रति महीना तक हो सकती है।

No 2: छोटे बिजनेसमैन 

यह हम सभी जानते हैं कि बिजनेस बड़ा तो प्रॉफिट बड़ा और बिजनेस छोटा तो प्रॉफिट छोटा।  इसीलिए छोटे बिजनेसमैन की सैलरी आम तौर पर कम होती है, क्योंकि बिजनेस भी छोटा होता है और बिजनेस का विस्तार भी कम ही होता है। छोटे बिजनेस शुरुआत में ₹10000 प्रति महीना से लेकर ₹50000 प्रति महीना तक कमाता है।

No 3: बड़े बिजनेसमैन 

बड़े बिजनेसमैन की इनकम या सैलरी बहुत ज्यादा होती है, क्योंकि उसका बिज़नेस बड़े लेवल पर होता है, जो कि ज्यादा डेवलप और फैला हुआ होता है। ऐसे में उसके इनकम के सोर्स निरंतर बने रहते हैं और वह बहुत बढ़िया सैलरी कमाने वाला बिजनेसमैन होता है। अंदाजन एक बड़ा बिजनेसमैन अपने बिजनेस से हर महीने ₹100000 से लेकर 10 लाख रुपए तक शुरुआती समय में कमाता है।

बिजनेसमैन की सैलरी पर फर्क डालने वाले कारक

बिजनेसमैन की सैलरी को बहुत सी चीज प्रभावित करती है जैसे: 

No 1: मार्केट की डिमांड 

बिजनेसमैन जो भी बिजनेस करता है, उसके बनाए हुए सामान की या फिर अगर वह कोई सर्विस देता है, तो उस बिजनेसमैन की सैलरी पर बहुत असर पड़ता है। क्योंकि डिमांड ज्यादा तो इनकम ज्यादा और डिमांड कम तो इनकम ना के बराबर होती है। 

No 2: बिजनेस का साइज 

बिजनेस का आकार कितना है इस पर भी बिजनेसमैन की सैलरी निर्भर करती है। अगर बिजनेस बड़ा है तो इनकम के साधन ज्यादा होंगे, तो सैलरी बढ़ेगी और अगर बिजनेस छोटे स्तर का है तो इनकम अपने आप कम होगी और सैलरी भी कम रहेगी। 

No 3: बिजनेस में कंपटीशन 

किसी भी बिजनेस में कंपटीशन ज्यादा होता है, तो इनकम कम होने पर बिजनेसमैन की सैलरी भी कम हो जाती है। क्योंकि कंपटीशन होने की वजह से लोगों के पास काफी विकल्प होते हैं, तो ऐसे में वह आपको चुनाव करें या नहीं यह ग्राहक की मर्जी पर निर्भर करता है। 

No 4: बिजनेस की जगह 

किसी भी बिजनेस की जगह भी उसकी कामयाबी और अच्छी इनकम होने पर निर्भर करती है, जैसे कि अगर आपका बिजनेस शहरी इलाके में है, तो वहां के लोगों की डिमांड अगर आप पूरी करते हैं। तो अच्छी सेल होने पर आपकी सैलरी खुद-ब-खुद बढ़ जाती है।

और अगर आपका बिजनेस किसी ग्रामीण इलाके में है, तो उसका भी असर आपकी इनकम पर पड़ता है, क्योंकि गांव के लोग अधिकतर मध्य और निम्न स्तर के होते हैं। 

सैलरी को लेकर बिजनेसमैन की सोच क्या है?

दोस्तों, एक कामयाब बिजनेसमैन वही होता है जो की सैलरी के पीछे नहीं भागता उसका एक मकसद होता है कि, अपने बिजनेस को आगे लेकर चलना अपनी टीम को टीमवर्क के साथ काम करने की प्रेरणा देना और बिजनेस में भविष्य में होने वाले नुकसान से बिजनेस को वर्तमान में ही बचा लेना। 

अगर सही रणनीति से कोई भी बिजनेसमैन अपने बिजनेस पर ध्यान देकर काम करता है, तो उसकी सैलरी खुद-ब-खुद बढ़ती चली जाती है। इसीलिए काम करना बिजनेसमैन का फर्ज है, क्योंकि अगर सही तरीके से काम किया जाएगा तो पैसा अपने आप खिंचा चला आएगा। 

FAQs: कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न: एक बिजनेसमैन की कितनी सैलरी होती है?

उत्तर: बिजनेसमैन की सैलरी उसके बिजनेस के प्रॉफिट, जगह, बिजनेस के साइज पर डिपेंड करती है।

प्रश्न: क्या बिजनेसमैन को अपनी सैलरी पर टैक्स देना पड़ता है?

उत्तर: जी हां, बिजनेसमैन को अपनी सैलरी और बिजनेस से होने वाली किसी भी इनकम पर टैक्स भरना पड़ता है, जो कि उसके इनकम और बिजनेस के type पर निर्भर करता है।

प्रश्न: बिजनेसमैन की सैलरी और प्रॉफिट में क्या फर्क होता है?

उत्तर: बिजनेसमैन की सैलरी एक फिक्स इनकम होती है, लेकिन प्रॉफिट तब निकलता है जब कुल आय में से लागत को घटा लिया जाता है और यह ज्यादा, कम और नहीं भी हो सकता है।

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